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एम्स पटना में स्तन कैंसर पर विशेषज्ञ डॉक्टरों ने किया चर्चा


टीएचटी रिपोर्टर फुलवारीशरीफ। एम्स पटना में शनिवार को स्तन कैंसर की देखभाल पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्तन कैंसर देखभाल जागरूकता कार्यक्रम रेडियोलॉजी विभाग द्वारा पूरे महीने मनाया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से अलग-अलग तरीको के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया गया। जैसे नुक्कड़ नाटक,रंगोली तथा चित्रकारी प्रतियोगिता करवा कर आम जनता के बीच जागरुकता अभियान चलाया गया । शनिवार को कार्यक्रम सुबह 11 बजे एम्स पटना के सभागार में शुरु हुआ ,जिसमे गणमान्य व्यक्तियों के साथ कैंसर से ठीक हो चुके मरीज़ भी उपस्थित थे। इसके साथ ही कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित उद्धघाटन किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ डीन डॉ उमेश भदानी द्वारा किया गया एवं डॉ प्रीतांजलि सिंह (विभागाध्यक्ष ,रेडियोलॉजी विभाग एम्स पटना ) द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। इसी के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सत्र की अध्यक्षता डॉ अभिषेक शंकर (एसोसिएट प्रोफेसर, रेडियोलॉजी ऑन्कोलॉजी, एम्स पटना) द्वारा स्तन कैंसर के निराकरण और सक्रीनिंग कि प्रस्तुति के साथ कि गयी।


डॉ उपासना सिन्हा(एसोसिएट प्रोफेसर, रेडियोलोजी विभाग, एम्स पटना) के द्वारा स्तन कैंसर की जांच के लिए रेडियोलोजी विभाग के महत्ता के बारे में बताया। स्तन कैंसर में सर्जिकल विकल्प के साथ "स्तन कैंसर का निदान कैसे करें " डॉ चंदन कुमार झा (सहायक प्रोफेसर, सामान्य सर्जरी विभाग, एम्स पटना) द्वारा संक्षिप्त विवरण दिया गया। स्तन कैंसर में विकिरण और प्रणालीगत चिकित्सा के बारे में डॉक्टर प्रितांजली  सिंह द्वारा संक्षिप्त अवलोकन , डॉक्टर मनीषा सिंह (निदेशक, महावीर कैंसर संस्थान पटना) द्वारा स्तन कार्सिनोमा में कंपनी प्रायोजित संगोष्ठी टीडीएमआई के बारे में बताया। इस मौके पर डॉ अंसारुलहक(सहायक प्रोफेसर, बर्न एन्ड प्लास्टिक सर्जरी) विभाग एम्स पटना, डॉक्टर अविनाश उपाध्याय (ऑन्कोलॉजी विभाग) महावीर कैंसर संस्थान , डॉ शशि सिंह पवार सहायक प्रॉफेसर (सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, आइजीआइएमएस पटना), डॉ दीपक कुमार (एसोसिएट प्रॉफेसर, भौतिक चिकित्सा एवं पुनर्वास विभाग एम्स पटना) भी उपस्थित रहे एवं अपने-अपने विचार एवम परामर्श दिये। अंत मे डॉक्टर प्रीतांजलि सिंह सिंह के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। डॉ प्रीतांजलि के अनुसार स्तन कैंसर स्तन कोशिकाओं की अनियंत्रित बढ़ोतरी है। आमतौर पर लोब्यूल्स और दुग्ध नलिकाओं में घुसकर, वे स्वस्थ कोशिकाओं पर आक्रमण करते हैं और शरीर के अन्य भागों में फैल जाते हैं। कुछ मामलों में, स्तन कैंसर स्तन के अन्य ऊतकों को भी प्रभावित कर सकता है।महिलाओं में स्तन कैंसर के पहचाने जाने वाले कई जोखिम कारक हैं। लंबे समय तक अंतर्जात एस्ट्रोजेन के संपर्क में रहना। समय से पहले पहला मासिक धर्म। देर से रजोनिवृत्ति। गर्भनिरोधक गोली। हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी। जीवनशैली के अन्य जोखिम कारकों में शराब का उपयोग, शारीरिक निष्क्रियता, मोटापा और कम समय के लिए स्तनपान शामिल हैं। स्तन के एक हिस्से या पूरे स्तन में किसी भी तरह की सूजन एक समस्या का कारण है। हालांकि यह संक्रमण या गर्भावस्था जैसी स्थिति में भी हो सकता है, लेकिन स्तन की त्वचा में जलन और/या डिंपलिंग जैसे अन्य लक्षण हैं या नहीं यह खोज करना महत्वपूर्ण है। खुद से की गई स्तन परीक्षण किसी भी असामान्य परिवर्तन की जांच करने में मदद करेगी। ऐसा होने पर महिलाओं को तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।