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रोजा पूरे मुसलमानों पर फर्ज है

टीएचटी रिपोर्टर पटना। मस्जिद याकूब अज़ीम नगर पालीगंज के इमाम हुसैन ने रमजान के फजीलत पर बयान करते हुये कहा रमजान एक ऐसा महीना है जिसमें अल्लाह ताला जन्नत के दरवाजे अपने बंदों के लिए खोल देता है और जहन्नम के दरवाजे बंद कर देता है इस महीने में कुरान जैसी अजीम किताब जो साड़ी दुनिया के इंसानो के लिए हिदायत व रहनुमाई से भरी हुई किताब है इसी महीने में नाजिल किया गया इस महीने का रोजा पूरे मुसलमानों पर फर्ज है क़ुरआने करीम में अल्लाह फरमाता है जब यह महीना आ जाए तो लोगों को चाहिए के इस महीने का रोजा रखे कुरान सूरा बकरा आयत नंबर 185 रोजा इंसान को अपने रब के करीब लाता है रोजा रखने वाला अपने मालिक से इतना डरता है कि मुंह में वजू का पानी होता है और प्यास से गला सूखा रहता है मगर फिर भी पानी को हलक से नीचे नहीं उतरता है बल्के वह बाहर फेंक देता है रोजा  सब्र का नाम है भूख और प्यास को बर्दाश्त करने का नाम है रोजा गुनाहों और बुरे कामों से बचने का नाम है रोजा इंसान को गुनाहों से पाक कर देता है रमजान का महीना इंसानों से हमदर्दी करना सिखाता है रोजे की फजीलत दूसरे इबादत के मुकाबले में कई गुना ज्यादा है रोजे का बदला खुद अल्लाह ताला देगा अल्लाह कहता है कि  आदम की औलाद का हर अमल उसके लिए है सिवाय रोजे के जो कि वह मेरे लिए है और मैं ही उसका बदला दूंगा  मोहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ने फरमाया रोजा ढाल है जहन्नम से बचने के लिए मुसलमानो  को इस महीने में रोजा रखना चाहिए ज्यादा से ज्यादा इबादत करनी चाहिए इंसानों के साथ हमदर्दी से पेश आना चाहिए गरीबों का खास।