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लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजनीतिक समस्याओं का समाधान ही सामूहिक शक्ति से होगा : अमीर

फुलवारीशरीफ (टीएचटी  रिपोर्टर)। बिहार, झारखंड, उड़िसा व पष्चिम बंगाल के मुस्लिमों के सबसे बड़ा एदारा इमारत-ए- शरिया के द्वारा शनिवार को विशेष बैठक सह लोकसभा चुनाव से पूर्व जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।  विशेष  बैठक में वोटिंग के अधिकार,  शिक्षा को बढ़ावा देना, महिलाओं को  शिक्षा के क्षे़त्र में आगे बढ़ाना आत्मनिर्भरता, समाजिक कार्य में बढ़चढ़ कर भाग लेना, अपने हक अधिकार को समझना समेत कई मामलांे पर विस्तार से चर्चा की गयी। विषेष बैठक सह जागरूकता कार्यषाला में बिहार, झारखंड, उड़िसा व पष्चिम बंगाल के अलग-अलग जिलों के एदारा, मदरसों के उलमा, राजनैतिक व समाजिक कार्यकर्ता व इमारत-ए- शरिया से जुड़े पांच हजार  शिक्षाविद्ध, उलमा, वुद्धिजिवियों, समाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। विषेष बैठक सह जागरूकता कार्यषाला अल-महाद-उल-आली भवन कैम्पस मैदान में हुई। इमारत-ए- शरिया के अमीर हजरत मौलाना सैयद अहमद वली फैसल रहमानी ने देशों के संविधानों का विश्लेषण करते हुए कहा कि भारतीय मुसलमानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, उनकी सांस्कृतिक और सांस्कृती पहचान को मिटाने और इस्लाम के रीति-रिवाजों को नष्ट करने के लिए लगातार कानून पारित किए जा रहे हैं, इन स्थितियों में हम सभी को जागरूक रहना होगा और अपनी राष्ट्रीय और राजनीतिक पहचान को जीवित रखना होगा। हमें दबाव बनाए रखना होगा हमारे निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधियों से समस्याओं को हल करने के लिए, जब हमारा देश आजादी की दहलीज पर कदम रखा और जब संविधान बना तो यहां हर धर्म और वर्ग की सांस्कृतिक स्थिति को सुरक्षित रखने का प्रावधान संविधान में शामिल किया, लोकतंत्र के खेल के नियमों को समझना चाहिए, यह फुटबॉल की तरह है जिसमें सभी खिलाड़ियों को एक ही समय पर लगातार दौड़ना होता है, तब कहीं जाकर सफलता मिलती है। इसलिए मतदाता पहचान पत्र तैयार रखें अपने राजनीतिक अस्तित्व के लिए, चुनाव आयोग के ऐप पर जाएं और डाउनलोड करें और पंजीकरण करें, इसे अपने क्षेत्र के हर आदमी को दें और एक आंदोलन बनाएं, यह हमारा मुख्य कर्तव्य है क्योंकि वोट की अपनी शरीयत स्थिति है, इसलिए आपको वोट देने का पूरा अधिकार है, इसके साथ ही रहमानी थर्टी कें द्वारा जारी डाटा को स्क्रीन पर प्रक्रिया को समझाया गया। हजरत अमीर शरीयत ने विद्वानों से केंद्रीय उत्तराधिकार सरकारों द्वारा मदरसों पर हमला करने से पहले जागरूक रहने का आह्वान किया और इस्लामी संस्थान के लिए एक समर्पित विभाग की स्थापना पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने मदरसों की समस्याओं के संबंध में मुख्यमंत्री से चर्चा करने का आश्वासन दिया। साथ ही कहा कि लोक सभा चुनाव आ रहा है, अपने हक और अधिकार को देखते हुए वोटिंग करनी है, एक-एक वोट का महत्व है।


इमारत-ए-शरिया के नायब अमीर हजरत मौलाना मो. शमशाद रहमानी कासमी ने कहा कि इस्लाम में मुसलमानों को एकता और सामूहिकता के साथ रहना सिखाया है, लेकिन विडंबना यह है कि हम संप्रदाय, जाति और भाईचारे में बंट गए हैं, जिससे हमारी सामूहिक शक्ति कमजोर हो गई है और इस्लाम विरोधी तत्वों ने इसका फायदा उठाया है, हम सभी हजरत अमीर शरीयत के नेतृत्व में एकजुट और व्यवस्थित जीवन जीने का संकल्प लें। कार्यवाहक नाजिम हजरत मौलाना मो. शिबली अल-कासिमी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि आप देश के दर्द को महसूस करते हुए हमारी दावत में आए हैं, हम तहे दिल से आपका स्वागत करते हैं, आपका यहां आना निस्संदेह इमारत-ए-शरिया है अपने सौ वर्षों के अस्तित्व में, इमारत-ए-षरिया ने पहले स्तर पर और रक्षात्मक मोर्चे के माध्यम से, सभी पहलुओं में मुसलमानों का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया है, और आज भी इमारत के वर्तमान अमीर के मार्गदर्शन में, इमारत-ए- शरिया में है अपने स्वागत भाषण में उन्होंने मुसलमानों को धैर्य और दृढ़ता के साथ साहस और दृढ़ संकल्प के साथ जीने का आह्वान किया और आश्वासन दिया कि इमारत-ए-शरिया समस्याओं का समाधान करेगा। ईमानदारी और साहसी कार्रवाई करना जारी रखेगा। दारूल कजा के काजी मौलाना मो. अंजार आलम कासमी ने कहा कि इस्लाम ने न्याय और न्याय की व्यवस्था को शांति की स्थापना का आधार है। इस मौके पर मौलाना मुफ्ती मो. सईदुर्रहमान कासमी, नायब नाजिम मौलाना मो. सोहराब नदवी, मौलाना अहमद हुसैन मदनी आदि ने भी विचार व्यक्त किये।