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एम्स पटना में पहली बार हुआ फेफड़े के कैंसर की सर्जरी

टीएचटी रिपोर्टर पटना एम्स पटना में पहली बार फेफड़े के कैंसर का सर्जरी किया गया। एम्स के कैंसर सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. जगजीत पांडेय ने बताय पूरे हिन्दुस्तान के किसी भी सरकारी अस्पताल में अब यह फेफड़े का कैंसर का सर्जरी नहीं हुआ था। एम्स पटना में पहली बार फेफड़े के कैंसर का ऑपरेशन किया गया है। चुंकि फेफड़े के कैंसर का नई विधि से इलाज फेफड़े को कैंसर अक्सर बहुत देरी से पता चलता है जब कैंसर का इलाज ऑपरेशन से संभव नहीं हो पाता है ऐसे कुछ मरीज जिन में कैंसर छाती में ही फैला हुआ होता है। उनका इलाज नई तकनीक से संभव है। ऐसे दो मरीजों का इलाज हाल ही में हमारे अस्पताल में किया गया है। एक 60 वर्ष कि महिला जो सारण कि रहने वाली है एवं दूसरा 25 वर्ष का पुरूष मोकामा का रहने वाला है। यह ऑपरेशन पूर देश में किसी सरकारी अस्पताल में पहली बार हुआ है। ऐसे ऑपरेशन की सुविधा फिलहाल देश के कुछ निजी अस्पतालों में ही संचालित हो रही है। जिसमें कम से कम लगभग 20 लाख रूपये खर्च आता है। एम्स पटना के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सीएम सिंह ने बताया है कि दोनों मरीज किमोथेरैपी लेने के बाद सर्जिकल आन्कोलॉजी विभाग में कैंसर सर्जरी के लिए भेजे गए हैं। इन दोनों मरीजों का ऑपरेशन का अधिकांश खर्च मुख्यमंत्री चिकित्सा अनुदान से संभव हो पाया है। जिसमें लगभग तीन लाख रूपये खर्च हुए है। ऑपरेशन के बाद दोनों मरीज स्वस्थ है और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दिया गया है। एम्स पटना के निदेशक डॉ. सौरभ वार्ष्णेय ने पूरी टीम को बधाई दी है। यह आपरेशन डॉ. जगजीत कुमार पाण्डेय, विभाग प्रमुख कैंसर सर्जरी विभाग एम्स पटना के नेतृत्व में हुआ है। इस ऑपरेशन के तुरन्त बाद छाती में गरम करके कैंसर कि दवा दी गयी जिससे कैंसर के न दिखने वाले अनश्य को भी नष्ट किया जा सके। इस विधि को HITHOC कहते है । इस विधि से एम्स पटना अस्पताल में पेट, अण्डाशय, आंत के कैंसर के इलाज की सुविधा कैंसर सर्जरी विभाग में २०१८ से उपलब्ध है। इस विधि का नाम HIPEC है, हालांकि इस विधि से फेफड़े के कैंसर का इलाज पहली बार हुआ है। इस ऑपरेशन में डॉ. प्रितांजलि सिंह ए डॉ. दिपेन्द्र राय, डॉ. सौरभ करमाकर, डॉ. कुणाल सिंह, डॉ. सतीश, डॉ. सत्यनरायण एवं डॉ. राहुल की अहम भुमिका रही है।