अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान पटना में मूत्र रोग विभाग में नई सुविधाओं की शुरुआत
टीएचटी रिपोर्टर हेल्थ । एम्स पटना में रविवार को कई नयी मशीनों का शुभारम्भ किया गया। इन मशीनों को मूत्र रोग विभाग में लगाया गया है। इनमें १२० वाट होल्मीयम लेज़र मोज़ेज़ तकनीकके साथ, इंट्राआपरेटिव अल्ट्रसाउंड मशीन, लिथोक्लास्ट मास्टर,४के इंडोविज़न सिस्टम ४के रिकॉर्डिंगतकनीक के साथ प्रमुख हैं। इन सारी मशीनो का शुभारंभ निदेशक एम्स डाक्टर प्रोफेसर प्रभात कुमार सिंह के द्वारा किया गया। यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ कमलेश गुंजन कहा कि १२० वॉट लेज़र से प्रास्टेट एन्यूक्लीयसन सर्जरी की जाती है और मरीज़ों को अगले दिन हस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। यह मशीन मोज़ेज़ टेक्नॉलोजी के साथ यहाँ लगायी गयी है जो देश में पहली बर किसी सरकारी संस्थान में लगाया गया है । इस विधि से शल्य क्रिया के दौरान रक्त का बहाव बहुत कम हो जाता है और इस वजह से खून चढ़ने की नौबत कम आटी है। यह सुविधा बिना मोज़ेज़ टेक के साथ भी उपलब्ध होगी। ४के एंडोविज़न सिस्टम से जटिल सर्जरी को लापरोसकोपिक तकनीक से करने में काफ़ी मदद मिलती है। अछी विज़न होने के करण सर्जरी बहुत सुरक्षित होती है और मरीज़ों का ख़तरा भी कम रहता है। लिथोक्लास्ट मास्टर भी बिहार के अंदर पहली बर किसी सरकारी या निजी संस्थान में लगाया गया है ।यह मशीन किड्नी के पठार को एंदोस्कोपिक तरीक़े से तोड़ने के कम में आटा है। इस मशीन की ख़ासियत यह है की एक साथ ही पत्थर को मकैनिकल और अल्ट्रसाउंड तरीक़े से तोड़ने के साथ साथ टुकड़ों को शरीर से बाहर भी निकल देती है । इस से सर्जरी के समय की काफ़ी बचत होती है मरीज़ को भी ज्यादा देर तक बेहोश नहीं रहना पड़ता है। विभाग में एक अड्वान्स अल्ट्रसाउंड मशीन लगायी गयी है जो की पूर्वोतर भारत के किसी सरकारी संस्थान के लिए पहला है। इस मशीन से प्रास्टेट की १२ या इस से ज़्यादा कोर की बाइआप्सी होती है । यह मशीन तीनो एक्सिस में प्रास्टेट को एक साथ दिखती है जिससे प्रास्टेट कैन्सर के मरीज़ को बहुत कम ख़तरे के साथ बायोपसी हो जाती है। इस मशीन में फ़्लेक्सिबल लापरोसकोपि का भी प्रोब है जो किड्नी कैन्सर के मरीज़ोंमें आधि किड्नी हटाने के काम आती है। इस मशीन से बहुत ही विधिपूर्वकतरीक़े से ट्यूमूर को चारों तरफ़ से कम से कम हेल्थी किड्नी के साथ निकला जाता है जिस से ज़्यादा किड्नी का हिस्सा मरीज़ के शरीर में रह सके।
मूत्र रोग विभाग के विभागध्यक्ष डाक्टर कमलेश गुंजन ने बताया की इन मशीनो के आ जाने से प्रदेश में पहली बर किसी संस्थान में मोज़ेज़ टेक्नॉलजी द्वारा एचओएलईपी, एमओएलईपी, आरआईआरएस की सुविधा प्रदान होगी। साथ ही लोग लेज़र लिथॉट्रिप्सी , USG गाइडेड पार्सीयल नेफ़्रेक्टोमी , १२ कोर प्रास्टेट बायोपसी सरकारी अस्पताल में भी उठा पाएँगे। डाक्टर कमलेश ने यह भी बताया की यह सुविधा रविवार नहीं ज से उपलब्ध हैं और यह साधारण क़ीमतों पर उपलब्ध होंगी। सर्विसेज़ का सुभारंभ करते हुए संस्थान के निदेशक डाक्टर पी के सिंह ने बताया की पहले इन सुविधाओं के लिए लोगों को दिल्ली एनसीआर के तरफ़ जाना पड़ता था जो कि अब प्रदेश में ही उपलब्ध हो गयी हैं।
अस्पताल अधीक्षक डाक्टर सीएम सिंह ने कहा की सरकारी में होने के करण इनकी क़ीमत भी कम रहेगी और जयदत सुविधाओंका लाभ आयुष्मान वाले मरीज़ भी उठा सकेंगे।
वोट ओफ़ थैंक्स प्रदान करते हुए डाक्टर विपिन चंद्रा सहायक प्राध्यापक यूरोलोगी विभाग ने बताया की इनसुविधाओं के लिए कॉर्प्रॉट सेक्टर में ४ से पाँच गुना ज़्यादा खर्च करना पड़ता है पर अब लोग यहीं पे इसका लाभ उठा सकेंगे। कार्यक्रम में डीन डाक्टर उमेश भदानी, डीन डाक्टर प्रेम कुमार, डीन हेमाली सिन्हा, कोविद नोडल ऑफ़िसर डाक्टर संजीव कुमार, डी डी ए परिमल सिन्हा , मोहन वर्मा आइ विभागके विभागाध्यक्ष डाक्टर अमित कुमार, निसचेतना विभाग के डाक्टर नीरज इत्यादि मौजूद थे।