ऐसे हरा सकते है कोरोना को : कोविड पॉजिटिव के लिए भाप रामबाण : सैयद अफिया नूर
- कोरोना होने से घबड़ाये नहीं हिम्मत से हराये
- आपकी घबड़ाहट बन सकती है जानलेवा
टीएचटी हेल्थ डेस्क पटना। कोरोना काल में दूसरों का क्या कहना अपने भी साथ छोड़ दे रहे हैं।
लेकिन इसी राजधानी पटना में कुछ ऐसे लोग है कि कोरोना मरीजों के लिए अलग-अलग माध्यम से मसीहा बने हुए है।
कोई आॅनलाइन उपचार बता रहें कोई इलाज कर रहें तो मदद के लिए घर से निकले हुए है। सभी में डाॅक्टरों की भूमिका काफी
बेहतर और सबसे सराहनीय है। पटना के एमबीबीएस छात्रा सैयद अफिया नूर ने कोरोना संक्रमण से बचाव व इलाज के कारगर
उपाय लोगों के लिए संजिवनी साबित हो रहा है। एमबीबीएस छात्रा सैयद अफिया नूर का मानना है कि जिस रफ्तार से कोरोना
वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है उसे देखते हुए दुनिया की एक बड़ी आबादी इसकी चपेट में आ चुका हैै। सैयद अफिया नूर
ने लोगों से सबसे पहले आह्वान किया कि हर लोग कोरोना से बचाव को लेकर गंभीर बने। बेवजह इधर-उधर न जाये, मार्केट
एकदम जरूरी काम से ही जाये। वर्तमान में कोरोना का खतरा काफी है। कोरोना से बचने का मास्क, सोशल डिस्टेंस,
सेनेटाइजिंग व कम से कम अपने-अपने घरों से निकले यही सबसे कारगर उपाय है। हर लोग मास्क को अपनी दिनचर्या
का अनिवार्य रूप से हिस्सा बना ले। सतर्क व सजग रहने की जरूरत है। सर्वाजनिक स्थल पर या घर से बाहर निकलते
समय मास्क जरूर पहलें। अगर अपने बचाव उपायों में कोई भी ढिलाई करते है तो आपके साथ आपके परिवार व आसपास सभी के लिए
हानिकारक होगा। जिस तेजी से फैल चुका है वह चिंता का विषय है। अगर सुबह-शाम रोजाना पांच मिनट भाप लें, गॉर्गल करें तो कोरोना वायरस को
मात आसानी से दिया जा सकता है। भाप को कोरोना के खिलाफ फेफड़ों का सैनिटाइजर एक तरह का है। प्रतिदिन दो से तीन बार पांच मिनट तक
भाप लेने से वायरस मात खा सकता है। जो फेफड़े छुपे हुए वायरस होते हैं उसे निष्क्रिय कर देता है भाप: कोरोना वायरस पहले मुंह,
नाक व गले में कई दिन रहता है। फिर फेफड़ों में पहुंचता है। अगर इस वक्त गरम पानी व गॉर्गल करते रहेंगे तो इससे कोरोना वायरस की
सक्रियता कम हो जाती है। पर अब यह नाक के पैरानासल साइनस के आंतरिक लेयर से फेफड़ों में पहुंच रहा है।
लेकिन अगर आप भाप लेते हैं तो वह पैरानासल साइनस में छुपे वायरस को निष्क्रिय कर देता है। और फेफड़ों में वायरस के जमाव को नहीं होने देता है। साथ ही सैयद अफिया नूर ने
यह भी कहा कि कोरोना होने से घबड़ाने की जरूरत नहीं है, बल्कि हिम्मत से कोरोना को हराने की जरूरत है। इसलिए हिम्मत रखें, घबड़ाये नहीं, डाॅक्टर के सलाह पर दवा लें।
आॅक्सीजन लेवल कम न हो इसके लिए समय-समय पर पेट के बल सोये या एल सेप में बेड पर बैठें।