टीएचटी
रिपोर्टर पटना । फुलवारीशरीफ
को आतंक का केंद्र बताकर उसे बदनाम करने, मुस्लिम समुदाय को प्रताड़ित
करने, गिरफ्तार संदिग्धों के आतंकी कनेक्शन के कोई ठोस सबूत अब तक न देने,
मामले को बढ़ा चढ़ाकर पेश करने आदि सवालों पर आज फुलवारीशरीफ में भाकपा-माले,
एआईपीएफ और इंसाफ मंच की ओर से नागरिक मार्च निकाला गया. यह
नागरिक प्रतिरोध मार्च 11.30 बजे इशापुर नहर से शुरू होकर इशापुर मार्केट
रोड होते हुए थाना चौक पहुंचा और वहां फिर एक सभा आयोजित की गई. प्रोटेस्ट
मार्च का नेतृत्व कॉ. अमर, कॉ. संदीप सौरभ, कॉ. गोपाल रविदास, कॉ. आफसा
जबीं, कॉ. योगेंद्र यादव आदि नेता कर रहे थे. थाना चौक पर सभा को एआईपीएफ
के गालिब, इंसाफ मंच की आफ़सा जबीं, स्थानीय नेता कॉम योगेंद्र यादव,
पालीगंज विधायक कॉ. संदीप सौरभ, फुलवारी विधायक गोपाल रविदास आदि ने
संबोधित किया.
प्रोटेस्ट
में सैकड़ों महिलाएं, दुकानदार , ठेलावाले, स्थानीय नौजवान और नागरिकों ने
हिस्सा लिया. सभा का संचालन स्थानीय साथी कॉम गुरुदेव ने किया. मार्च में
साधु शरण, आरजू, अर्स, अमीर, सलाउद्दीन, देवीला सहित कई लोग मौजूद थे.
वक्ताओं
ने एक स्वर में कहा कि पुलिस जानबूझकर फुलवारी को बदनाम कर रही है. अब तक
वह किसी भी आरोपित के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं दे सकी है, लेकिन माहौल ऐसा
बनाया जा रहा है मानो फुलवारी आतंक का गढ़ हो. अब यह कहा जा रहा है कि इन
लोगों के निशाने पर भाजपा के नेता थे. यह बिल्कुल हास्यास्पद है. देशद्रोह
से मामला भाजपा तक पहुंच गया. यह पूरी कार्रवाई भाजपा के इशारे पर हो रही
है. भाजपा इसके जरिये मुसलमानों को टारगेट कर रही है.
हमारी
मांग है कि प्रशासन गिरफ्तार सभी गिरफ्तार 5 आरोपितों के बारे में जनता के
सामने सबूत पेश करे, ताकि भ्रम की स्थिति खत्म हो. किसी भी निर्दोष को
गिरफ्तार न किया जाए.
पूरे
मुस्लिम समुदाय व फुलवारीशरीफ को टारगेट करने वाले विचारों व व्यक्तियों
की शिनाख्त कर कार्रवाई की जाए. गैरजिम्मेवराना हरकत से सांप्रदायिक
सौहार्द बिगड़ाने वालों पर कठोर कार्रवाई हो.
नीतीश कुमार अपनी चुप्पी तोड़ें और मामले की अपने स्तर से जांच कराएं
सभा
को सम्बोधित करते हुए स्थानीय विधायक गोपाल रविदास ने सीधा
आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा व आरएसएस के इशारे पर फुलवारी को आतंकवाद के
नाम पर बदनाम किया जा रहा है. भाकपा-माले की जांच टीम ने हाल ही में पकड़े
गए लोगों के परिवार व स्थानीय लोगो से गहन जानकारी ली थी, लेकिन कहीं से
कोई ठोस सबूत नही मिला. ए. एस.पी मनीष कुमार से भी जांच टीम ने मुलाकात कर
इसकी जानकारी मांगी, तो उन्होंने कहा कि अभी इसकी सूचना सार्वजनिक नही की
जा सकती है. वे कोई ठोस सबूत नहीं दे सके. उन्होंने कहा कि अभी जांच जारी
है, इसके सबूत कोर्ट में पेश किए जाएंगे.
माले
विधायक ने पूछा कि पकड़े गए लोगों के आतंकी कनेक्शन के सबूत सार्वजनिक नहीं
हो सकते तो प्रतिनदिन न्यूज़ पेपर में कैसे कहा जा रहा है कि पकड़े गए
संदिग्धों के कई देशों के आतंकवादियों के साथ जुड़े होने के सबूत मिल रहे
हैं. ये सब न्यूज़ पेपर में कौन दे रहा है?
विधायक
रविदास ने संबोधन में कहा कि यदि कोई आंतकवादी कार्रवाई है तो इसका सबूत
हमें भी बताया जाए ताकि प्रशासन को मदद की जा सके. लेकिन यहां तो आतंकवाद
के नाम पर फुलवारी में नफरत का जहर फैलाया जा रहा है. फुलवारी गंगा- यमुना
तहजीब व सूफी संतों का शहर है, इसे बदनाम करने की भाजपा की साजिश को बेनकाब
करना होगा.
सभा को
भाकपा-माले पालीगंज विधायक संदीप सौरभ ने संबोधित करते हुए कहा कि आज पूरे
बिहार में भाजपा व आरएसएस अमन- चैन को नफरत में बदल देना चाहते हैं. नौजवान
रोजगार मांग रहा है तो केंद्र की भाजपा सरकार लाठी-डंडे से उनकी आवाज को
दबाना चाह रही है.
एआईपीएफ
के ग़ालिब साहब ने संबोधित करते हुए भाजपा सरकार से पूछा कि जब-जब मोदी जी
बिहार आते हैं, तभी आतंकवाद मिलता है. बिहार में ये भाजपा की चाल है जो
हिन्दू मुस्लिम करके 2024 में सत्ता में आना चाह रही है, जिसे फुलवारी के
न्यायपसन्द लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे.